Friday 13 April 2012

राज ठाकड़े का बयान राजनितिक या असामाजिक ?


राज ठाकड़े हमेशा की तरह इस बार भी अपने उत्तर भारतीय विरोध के कारन चर्चा में है. इस बार उनका बयान विकास पुरुष, राजनीति के चाणक्य , सुशासन बाबु  इत्यादि के नाम से मशहूर बिहार के मुख्यमंत्री  नीतीश कुमार को निशाना बना कर दिया गया है.
एक ऑनलाइन सर्वे  में लोगों ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी,  लोगों की आखिर क्या राय है इस पर आइये जानते है.  

६७% लोगों ने कहा की राज ठाकड़े का यह बयान लोगों की भावनाएं भड़का कर राजनीति चमकाने का एक और घटिया नमूना है.

१२% लोगों ने आश्चर्यजनक रूप से राज ठाकड़े को सही बताया क्यों की उनकी नज़र में  नीतीश भी राजनीतिक हित साधने के लिए ही मुंबई जा रहे हैं.
९% लोगों ने कहा राज ठाकड़े का यह बयान असंवैधानिक है, सरकार को राज ठाकरे पर कार्रवाई करनी चाहिए

१२% लोगों का कहना है नीतीश कुमार को वहां जाकर ठाकरे को करारा जवाब देना चाहिए

किसी नागरिक को उसके अधिकार से वंचित करना क्या यह देशद्रोह के श्रेंणी  में नहीं आता ?
क्या कांग्रेस की चुप्पी उसकी राज ठाकड़े के साथ साठ गाठ को उजागर नहीं करती ?
अन्ना और टीम जो आज कल हर विषय पर बयान देती है, उसकी चुप्पी इस विषय पर आन्दोलन के राजनितिक होने के तरफ इशारा नहीं करती ?

आप का क्या कहना है ?

इंतजार है आपके प्रतिक्रिया का ....

अमित कुमार
 

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