Thursday 12 April 2012

टीवी मीडिया और निर्मल बाबा उर्फ़ निर्मल नरूला


आज  जब  की  निर्मल  नरूला  का  सच  सब  के  सामने  आ  चूका  है , टीवी  मीडिया  जो  सुबह  सुबह  निर्मल  नरूला  का  गुणगान  करती  थी  आज  उसके  खिलाफ  हो  गई है.
किस मुंह से आज टीवी पर निर्मल नरूला का पोल खोला जायेगा ?
जब की इस पाप में मीडिया भी बराबर की भागीदार है... अगर निर्मल नरूला ने लोगों को मुर्ख बना कर पैसा कमाया तो  उसने उस ठगी के पैसे में मीडिया के लोगों को भी हिस्सेदार बनाया..
निर्मल नरूला जैसे साधू के चोले में छुपे अपराधी का भंडाफोड़ करने का पूरा  श्रेय वैकल्पिक मीडिया को जाता है.
आज जब की निर्मल बाबा का भंडाफोड़ किया जा चूका है हर कोई इस का  श्रेय लेने को आतुर है विशेषकर प्रिंट और टीवी मीडिया.
शर्म  की  बात  तो  ये  है  की  मीडिया  मुनाफा  कमाने  के  चक्कर  में  अपना  उद्देश्य  ही  भूल  चुकी  है.
आज मीडिया ऐसे लोगों के हाथ खेलने लगी जिसका धर्म , आस्था, जनकल्याण , समाज, या देश हित  से कोई लेना देना नहीं, ऐसे लोगों  का   बस एक ही मकसद है जन मानस के कोमल भावना पर चोट कर अधिक से अधिक धन कमाना.
सिर्फ  निर्मल  नरूला  ही  क्यों  और  भी  तो  कई  नाम  है  जो  लोगों  के  आस्था  के   साथ  खिलवार  कर  अपना  उल्लू  सीधा  करते  है .
कॉरपोरेट जगत   के बाबा  श्री  श्री    रविशंकर , आशा  राम  बापू  , मोरारजी  बापू  , स्वामी  रामदेव  इत्यादि  इनका भी तो पोल खुलना चाहिये ?
जाहिर सी बात है मीडिया पूंजीपतियों,सरकारी बाबुओं , सत्ता के  दलालों की रखैल बन चुकी है, इन से जनकल्याण से सम्बंधित खबर की उम्मीद करना ही बेमानी है.

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