Saturday 14 April 2012

ममता की तालिबानी हुकूमत


ममता बनर्जी पर विवाद का साया गहरा होता जा रहा है. दिनेश त्रिवेदी का रेल मंत्रालय से विदाई का मामला मुश्किल से शांत हुआ था की एक नए  विवाद को तृणमूल सरकार ने जन्म दे दिया. मामला था पश्चिम बंगाल के स्कूली पाठ्यक्रम से वामपंथी विचारको से सम्बंधित सामग्री हटाना जिसका पुरे देश में व्यापक विरोध हुआ. ममता सरकार के इस फैसले का बुद्धिजीवियों ने भर्त्सना की.

एक नया विवाद तब उठ खड़ा हुआ जब  एक  प्रोफेसर ने ममता बनर्जी से सम्बंधित एक कार्टून अपने दोस्तों को भेजा तथा नेटवर्किंग साईट पर  शेयर किया.
पश्चिम बंगाल के जादवपुर विश्वविद्यालय में केमिस्ट्री के प्रोफेसर अंबिकेश महापात्र और उनके पड़ोसी सुब्रत सेनगुप्ता को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, रेलमंत्री मुकुल रॉय व पूर्व रेलमंत्री दिनेश त्रिवेदी का व्यंग्यात्मक कार्टून बनाकर और उसे सोशल नेटवर्किंग साइट व ई-मेल पर डालना काफी महंगा पड़ा. पुलिस ने दोनों को कार्टून बनाने और उसके प्रसार के आरोप में गिरफ्तार कर लिया.  बाद में अलीपुर कोर्ट ने उन्हें पांच-पांच सौ के निजी मुचलके पर रिहा कर दिया. लेकिन उनकी गिरफ्तारी के बाद से पश्चिम बंगाल सहित पुरे देश के सियासत  में उबाल आ गया है और विपक्ष को ममता पर हमला बोलने का मुद्दा मिल गया है. बुद्धिजीवी वर्ग इस फैसले को तालिबानी फैसला पहले ही करार दे चुके है.

फेसबुक और तमाम नेट्वोर्किंग साइट्स पर इस मुद्दे पर गरमा गरम बहस  जारी  है, और तो और ममता बनर्जी को सत्ता तक पहुंचाने में मुख्य भूमिका निभाने वाले उनके साथी भी उन्हें इस मुद्दे पर निशाना साधने से नहीं चुक रहे है. चौतरफा हमला के बीच तृणमूल के बागी सांसद सांसद कबीर सुमन ने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा की  "मैंने कार्टून देखा है, लेकिन मैं समझ नहीं पा रहा कि यह किस प्रकार साइबर अपराध है। यह हास्य व्यंग्य के रूप में बनाया गया है। यदि आज उन्हें गिरफ्तार किया गया है तो कौन जानता है कल हमें भी गिरफ्तार किया जा सकता है।"
उधर   कार्टून  बनाए वाले   प्रोफेसर अंबिकेश महापात्र ने अपनी जान को खतरा बताया है। उन्होंने अपन जान का खतरा बताते हुए सुरक्षा की मांग की है। उन्होंने कुछ लोगों को इस मामले में नामजद किया है.
सवाल यह है की ममता आखिर क्यों इस तरह के आक्रामक फैसलें ले रही है ?
आखिर क्यों तृणमूल के कार्यकर्ता इतने आक्रामक क्यों होते जा रहे है ?
ममता बनर्जी भी उसी राह पर चल निकली है जिस पर चल कर माकपाई सत्ता से हाथ धो बैठे  थे.


अमित कुमार
मोबाइल : 00 91 7428073627



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