खबर है की राज ठाकड़े द्वारा बिहार दिवस का विरोध प्रायोजित था. गौरतलब है की मुंबई में बिहार दिवस के आयोजक देवेश चन्द्र ठाकुर राज ठाकड़े के करीबी लोगों में शुमार है, और इसी का फायदा उठा उन्होंने राज ठाकड़े से इस तरह का बयान दिलवाया. इस विरोध के पीछे देवेश चन्द्र ठाकुर की मंशा सस्ती लोकप्रियता पाना था, और आयोजन के बाद खुद को उत्तर भारतियों का सबसे बड़ा मशीहा साबित करना भी इसका एक प्रमुख कारण हो सकता है.
एक बार फिर नेताओं ने आम जनता गच्चा दे दिया और आम जनता समझ भी नहीं पाई की कौन उसके लिए लड़ रहा है और कौन उस से लड़ रहा है.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ऐसे समारोह से दूरी बनाना चाहिए.
अन्यथा बिहार की जनता खुद को अपमानित महसूस करेगी.
आप का क्या कहना है इन सत्ता के बदनाम गली के दलालों पर ?
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अन्यथा बिहार की जनता खुद को अपमानित महसूस करेगी.
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